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dayra

Dharmendra Mishra
3.00/5 (7 ratings)
ये उपन्यास Novel कुछ ऐसे युवाओ के संघर्ष और आकंछाओ पर आधारित है जो समाज और सामाजिक कुरीतिओं से परे सामजिक समरसता का ख्वाब देखते है।
हमारा जीवन ये समाज एक दायरे में बंधा है ,अमीरी -गरीबी,जाती,वर्ग,समुदाय मजहब जैसे कई ऐसे दायरे है जो तय मानक पर आधारित है।
किंतु कहानी में नायक Hero के मन में उठने वाले भाव तरंगे ,प्रेम की लहरे इस समाज रूपी दायरे बंधन से परे है जहाँ बोध है मनुष्यता का,नैतिकता का ,समान हक़ ,न्याय का, जिसके लिए वे समाज से संघर्ष करते है।
क्या उनके सपने पुरे हुए ? क्या वो इस दायरे को तोड़कर आगे बढ़ पाए ?क्या उनकी मंजिल मिलपाई ? इन सब सवालों के जबाब आपको इस उपन्यास को पढ़ने के बाद ही मिल पायेगा।
निः सन्देह आप को ये कहानी अंदर से विचारो की एक नई पराकाष्ठा पे लेजाने वाली है ,जहाँ प्यार है ,तकरार है ,रहस्य ,अपराध है ,नाटक है ,हास्य है ,आंख को अंशू से भर देने वाली चिर करुण वेदना है।
तो चलिए हम और आप अपने अपने तय मानक पर आधारित वैचारिक संकीर्णता से बांध,बंधन, दायरा को तोड़ सभ्य और उन्नत समाज की ओर बढ़ते है...
Format:
Kindle Edition
Pages:
123 pages
Publication:
2022
Publisher:
Dharmendra Mishra
Edition:
2
Language:
hin
ISBN10:
8119704940
ISBN13:
9788119704941
kindle Asin:
B09Z7WVZYH

dayra

Dharmendra Mishra
3.00/5 (7 ratings)
ये उपन्यास Novel कुछ ऐसे युवाओ के संघर्ष और आकंछाओ पर आधारित है जो समाज और सामाजिक कुरीतिओं से परे सामजिक समरसता का ख्वाब देखते है।
हमारा जीवन ये समाज एक दायरे में बंधा है ,अमीरी -गरीबी,जाती,वर्ग,समुदाय मजहब जैसे कई ऐसे दायरे है जो तय मानक पर आधारित है।
किंतु कहानी में नायक Hero के मन में उठने वाले भाव तरंगे ,प्रेम की लहरे इस समाज रूपी दायरे बंधन से परे है जहाँ बोध है मनुष्यता का,नैतिकता का ,समान हक़ ,न्याय का, जिसके लिए वे समाज से संघर्ष करते है।
क्या उनके सपने पुरे हुए ? क्या वो इस दायरे को तोड़कर आगे बढ़ पाए ?क्या उनकी मंजिल मिलपाई ? इन सब सवालों के जबाब आपको इस उपन्यास को पढ़ने के बाद ही मिल पायेगा।
निः सन्देह आप को ये कहानी अंदर से विचारो की एक नई पराकाष्ठा पे लेजाने वाली है ,जहाँ प्यार है ,तकरार है ,रहस्य ,अपराध है ,नाटक है ,हास्य है ,आंख को अंशू से भर देने वाली चिर करुण वेदना है।
तो चलिए हम और आप अपने अपने तय मानक पर आधारित वैचारिक संकीर्णता से बांध,बंधन, दायरा को तोड़ सभ्य और उन्नत समाज की ओर बढ़ते है...
Format:
Kindle Edition
Pages:
123 pages
Publication:
2022
Publisher:
Dharmendra Mishra
Edition:
2
Language:
hin
ISBN10:
8119704940
ISBN13:
9788119704941
kindle Asin:
B09Z7WVZYH