कहानियां ख़्वाब नहीं होती, वे कल्पनाएँ भी नहीं होती...वे भी हम इंसानों की तरह सुने जाने को तड़पती शय होती हैं जिन्हें तभी चैन मिलता है जब कोई उन्हें चुपचाप बैठ जी भर सुन ले...वो जो हैं, जैसी हैं, उन्हें अपना ले...ये प्रेमकहानी भी यही चाहती है... इस कहानी में प्रेम भी है, भटकाव भी... रहस्य भी है, रोमांच भी...प्रेम की जीत भी है और हार भी... जो भी है आपके सामने प्रस्तुत है।
कहानियां ख़्वाब नहीं होती, वे कल्पनाएँ भी नहीं होती...वे भी हम इंसानों की तरह सुने जाने को तड़पती शय होती हैं जिन्हें तभी चैन मिलता है जब कोई उन्हें चुपचाप बैठ जी भर सुन ले...वो जो हैं, जैसी हैं, उन्हें अपना ले...ये प्रेमकहानी भी यही चाहती है... इस कहानी में प्रेम भी है, भटकाव भी... रहस्य भी है, रोमांच भी...प्रेम की जीत भी है और हार भी... जो भी है आपके सामने प्रस्तुत है।