फेमस डिटेक्टिव सुधीर कोहली का उसूल था कि जब तक पंगा उससे पंगा ना ले, वो पंगे से पंगा नहीं लेता था । लेकिन फिर एक रात जब उसने एक लड़की को दो गुंडों की गिरफ्त में कबूतरी की तरह फड़फड़ाते देखा तो उसे अपना उसूल ताक पर रखकर उस लड़की की मदद के लिए आगे आना पड़ा । और फिर शुरू हुआ खून-खराबे का एक खतरनाक खेल ।
फेमस डिटेक्टिव सुधीर कोहली का उसूल था कि जब तक पंगा उससे पंगा ना ले, वो पंगे से पंगा नहीं लेता था । लेकिन फिर एक रात जब उसने एक लड़की को दो गुंडों की गिरफ्त में कबूतरी की तरह फड़फड़ाते देखा तो उसे अपना उसूल ताक पर रखकर उस लड़की की मदद के लिए आगे आना पड़ा । और फिर शुरू हुआ खून-खराबे का एक खतरनाक खेल ।