‘सारा आकाश’ की ट्रेजडी किसी सन, समय या व्यक्ति-विशेष की ट्रेजडी नहीं, खुद चुनाव न कर सकने की, दो अपरिचित व्यक्तियों को एक स्थिति में झोंककर भाग्य को सराहने या कोसने की ट्रेजडी है, संयुक्त परिवार में जब तक यह ‘चुनाव’ नहीं है, सँकरी और गन्दी गलियों की खिडकियों के पीछे लडकियाँ ‘सारा आकाश’ देखती रहेंगी; लड़के दफ्तरों, पार्कों और सड़कों पर भटकते रहेंगे, ‘एकान्त आसमान’ को गवाह बनाकर अपने आपसे लड़ते रहेंगे, दो नितान्त अकेलों की यह कहानी तब तक सच है, जब तक उनके बीच का समय रूक गया है ! इन कुछ बातों पर सहमत हो जाने के बाद कहानी को पूरी तरह बासु के हाथों में छोड़ देने में मुझे कोई अड़चन नहीं रही; ट्रांजिस्टर और विविध-भारती मुझे बिलकुल भी नहीं खटके, फोटो खिंचवाना, फिल्म जाना या बालों के पिन को लेकर बासु ने भी उ
‘सारा आकाश’ की ट्रेजडी किसी सन, समय या व्यक्ति-विशेष की ट्रेजडी नहीं, खुद चुनाव न कर सकने की, दो अपरिचित व्यक्तियों को एक स्थिति में झोंककर भाग्य को सराहने या कोसने की ट्रेजडी है, संयुक्त परिवार में जब तक यह ‘चुनाव’ नहीं है, सँकरी और गन्दी गलियों की खिडकियों के पीछे लडकियाँ ‘सारा आकाश’ देखती रहेंगी; लड़के दफ्तरों, पार्कों और सड़कों पर भटकते रहेंगे, ‘एकान्त आसमान’ को गवाह बनाकर अपने आपसे लड़ते रहेंगे, दो नितान्त अकेलों की यह कहानी तब तक सच है, जब तक उनके बीच का समय रूक गया है ! इन कुछ बातों पर सहमत हो जाने के बाद कहानी को पूरी तरह बासु के हाथों में छोड़ देने में मुझे कोई अड़चन नहीं रही; ट्रांजिस्टर और विविध-भारती मुझे बिलकुल भी नहीं खटके, फोटो खिंचवाना, फिल्म जाना या बालों के पिन को लेकर बासु ने भी उ