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बिमल मित्र की लोकप्रिय कहानियां

বিমল মিত্র | Bimal Mitra
4.03/5 (27 ratings)
गुड़ की डली, सूप, चँगेरी, अरबी, नारियल इत्यादि विविध प्रकार की चीजें गाड़ी पर लदी थीं। फटिकदा उन चीजों को उतरवाने में व्यस्त थे। फिर भी बोले, ‘‘वसूली का काम कैसा चल रहा है, भाई?’’
एक पल चुप्पी साधने के बाद फिर बोले, ‘‘लगता है, प्रातः भ्रमण को निकल रहे हो?’’
‘‘नहीं’’, मैंने कहा, ‘‘नीरू भाभी की एक चिट्ठी है, पोस्ट ऑफिस में डालने जा रहा हूँ। बहुत ही जरूरी चिट्ठी है।’’
‘‘चिट्ठी! किसकी चिट्ठी बताया? छोटी बहू की!’’
फटिकदा के चेहरे का भाव जैसे आमूल परिवर्तित हो गया हो।
बोले, ‘‘बड़मातल्ला अपने माँ के पास भेज रही हैं?’’
‘‘हाँ, मगर।’’
वे बोले, ‘‘देखूँ।’’
मैंने चिट्ठी दी। दो-चार पंक्तियाँ पढ़ते ही पता नहीं, फटिकदा को क्या हुआ कि चिट्ठी को उन्होंने चिंदी-चिंदी कर दी। बोले, ‘‘इस चिट्ठी को भेजने स
Format:
Pages:
pages
Publication:
Publisher:
Edition:
Language:
ISBN10:
ISBN13:
kindle Asin:
B07GPHB813

बिमल मित्र की लोकप्रिय कहानियां

বিমল মিত্র | Bimal Mitra
4.03/5 (27 ratings)
गुड़ की डली, सूप, चँगेरी, अरबी, नारियल इत्यादि विविध प्रकार की चीजें गाड़ी पर लदी थीं। फटिकदा उन चीजों को उतरवाने में व्यस्त थे। फिर भी बोले, ‘‘वसूली का काम कैसा चल रहा है, भाई?’’
एक पल चुप्पी साधने के बाद फिर बोले, ‘‘लगता है, प्रातः भ्रमण को निकल रहे हो?’’
‘‘नहीं’’, मैंने कहा, ‘‘नीरू भाभी की एक चिट्ठी है, पोस्ट ऑफिस में डालने जा रहा हूँ। बहुत ही जरूरी चिट्ठी है।’’
‘‘चिट्ठी! किसकी चिट्ठी बताया? छोटी बहू की!’’
फटिकदा के चेहरे का भाव जैसे आमूल परिवर्तित हो गया हो।
बोले, ‘‘बड़मातल्ला अपने माँ के पास भेज रही हैं?’’
‘‘हाँ, मगर।’’
वे बोले, ‘‘देखूँ।’’
मैंने चिट्ठी दी। दो-चार पंक्तियाँ पढ़ते ही पता नहीं, फटिकदा को क्या हुआ कि चिट्ठी को उन्होंने चिंदी-चिंदी कर दी। बोले, ‘‘इस चिट्ठी को भेजने स
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Language:
ISBN10:
ISBN13:
kindle Asin:
B07GPHB813