सीमेन उस आदमी के पास पहुँचा और उसे बहुत गौर से देखा। उसने देखा कि वहाँ एक युवक था और उसके शरीर पर चोट के निशान भी नहीं थे, मगर वह ठंड से अकड़ा और डरा हुआ सा लग रहा था। वह युवक पीछे की तरफ लुढ़का पड़ा था और उसने सीमेन की तरफ देखा भी नहीं। ऐसा मालूम पड़ रहा था कि वह बहुत ही कमजोर है और अपनी नजरें भी नहीं उठा पा रहा था। सीमेन उस आदमी के और पास पहुँचा ही था कि तभी वह अचानक ही जग गया। उसकी एक झलक देखते ही सीमेन के मन में अच्छे विचार आने शुरू हो गए। उसने अपने जूते उतारे और कमरबंद ढीली की तथा जूतों पर अपनी बेल्ट रखते हुए अपना काफ्तान भी उतार दिया और कहा, ‘‘बातचीत करने से क्या फायदा? इसे पहन लो और आओ, चलो!’’ —इसी संग्रह से सुप्रसिद्ध रूसी कथाकार लियो टॉलस्टॉय ने जीवन के सभी पक्षों पर प्रभावी रचनाएँ की हैं। उ
सीमेन उस आदमी के पास पहुँचा और उसे बहुत गौर से देखा। उसने देखा कि वहाँ एक युवक था और उसके शरीर पर चोट के निशान भी नहीं थे, मगर वह ठंड से अकड़ा और डरा हुआ सा लग रहा था। वह युवक पीछे की तरफ लुढ़का पड़ा था और उसने सीमेन की तरफ देखा भी नहीं। ऐसा मालूम पड़ रहा था कि वह बहुत ही कमजोर है और अपनी नजरें भी नहीं उठा पा रहा था। सीमेन उस आदमी के और पास पहुँचा ही था कि तभी वह अचानक ही जग गया। उसकी एक झलक देखते ही सीमेन के मन में अच्छे विचार आने शुरू हो गए। उसने अपने जूते उतारे और कमरबंद ढीली की तथा जूतों पर अपनी बेल्ट रखते हुए अपना काफ्तान भी उतार दिया और कहा, ‘‘बातचीत करने से क्या फायदा? इसे पहन लो और आओ, चलो!’’ —इसी संग्रह से सुप्रसिद्ध रूसी कथाकार लियो टॉलस्टॉय ने जीवन के सभी पक्षों पर प्रभावी रचनाएँ की हैं। उ