यह उपन्यास मध्य प्रदेश के बैतूल घाटी की एक सुन्दर ग्रामीण युवती ‘नर्मदा’ के जीवन का मार्मिक चित्रण है.
बाबू दिल्ली के आई.आई.टी. से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। पढ़ाई पूरी होने के पश्चात उसके माता-पिता उसका विवाह उसकी बचपन की दोस्त वर्षा से करवाना चाहते हैं।
परंतु कॉलेज की छुट्टियों में जब बाबू अपने घर भोपाल पहुँचता है तब पहली बार नर्मदा जैसी सुन्दर ग्रामीण लड़की को देखकर उसे नर्मदा से प्रेम हो जाता है और वर्षा जैसी पढ़ी-लिखी व आधुनिक विचारों वाली लड़की को वह भूल जाता है. नर्मदा को भी बाबू से प्रेम होने लगता है. परन्तु वर्षा बाबू का पीछा नहीं छोड़ती.
इसी बीच नर्मदा के परिजन नर्मदा का विवाह अपनी ही जाति के लड़के 'गोवर्धन' से तय कर देते हैं और नर्मदा को अपने साथ अपने गाँव ले जाते हैं.
यह उपन्यास मध्य प्रदेश के बैतूल घाटी की एक सुन्दर ग्रामीण युवती ‘नर्मदा’ के जीवन का मार्मिक चित्रण है.
बाबू दिल्ली के आई.आई.टी. से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। पढ़ाई पूरी होने के पश्चात उसके माता-पिता उसका विवाह उसकी बचपन की दोस्त वर्षा से करवाना चाहते हैं।
परंतु कॉलेज की छुट्टियों में जब बाबू अपने घर भोपाल पहुँचता है तब पहली बार नर्मदा जैसी सुन्दर ग्रामीण लड़की को देखकर उसे नर्मदा से प्रेम हो जाता है और वर्षा जैसी पढ़ी-लिखी व आधुनिक विचारों वाली लड़की को वह भूल जाता है. नर्मदा को भी बाबू से प्रेम होने लगता है. परन्तु वर्षा बाबू का पीछा नहीं छोड़ती.
इसी बीच नर्मदा के परिजन नर्मदा का विवाह अपनी ही जाति के लड़के 'गोवर्धन' से तय कर देते हैं और नर्मदा को अपने साथ अपने गाँव ले जाते हैं.