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UP 65

Nikhil Sachan
4.03/5 (339 ratings)
लेखक, निखिल सचान के बारे में-

निखिल सचान नई वाली हिंदी के पोस्टर ब्वॉय हैं। IIT और IIM के छात्र होने के नाते इनकी शुरुआत हिंदी साहित्य के आउटसाइडर के रूप में हुई, लेकिन पहली किताब आते ही, ये आनन-फ़ानन ही, हिंदी साहित्य के नए रंग-रूट में सबसे चहेता चेहरा हो गए।

इनकी किताब ‘नमक स्वादानुसार’ और ‘ज़िंदगी आइसपाइस’ ने हज़ारों ऐसे लोगों को उँगली पकड़कर हिंदी की किताबों से जोड़ा जिन्होंने अपनी आख़िरी हिंदी किताब बोर्ड एग्ज़ाम पास करने के लिए उठाई थी, जिन्हें हिंदी बोरिंग और अनकूल लगती थी और जिन्हें पूरा भरोसा था कि हिंदी किताबें पढ़ पाना उनके बस की बात नहीं है।

वहीं निखिल ऐसे लोगों के बीच भी गहरी पैठ रखते हैं जो क्लासिक हिंदी लिटरेचर के शौक़ीन हैं, जो साहित्य की गहरी समझ रखते हैं और जिन्हें उसके मूलभूत स्वरूप से छेड़-छाड़ पसंद नहीं है। नतीज़तन, इनकी दोनों किताबें पिछले कुछ सालों की सबसे बड़ी हिंदी बेस्ट सेलर्स में से एक हैं और BBC, आज-तक जैसे मीडिया हाउसेज़ के अलावा क्रिटिक्स ने भी इन्हें 2013 और 2015 की सबसे बेहतरीन हिंदी किताबें क़रार दिया।

फ़िलहाल निखिल अपना पहला नॉवेल ‘यूपी 65’ लेकर हाजि़र हैं और मायानगरी मुंबई की शरण में हो लिए हैं।

**

उपन्यास की पृष्ठभूमि में आइआइटी बीएचयू (IIT BHU) और बनारस है, वहाँ की मस्ती है, बीएचयू के विद्यार्थी, अध्यापक और उनका औघड़पन है। समकालीन परिवेश में बुनी कथा एक इंजीनियर के इश्क़, शिक्षा-व्यवस्था से उसके मोहभंग और अपनी राह ख़ुद बनाने का ताना-बाना बुनती है। यह हिंदी में बिलकुल नये तेवर का उपन्यास है, जो आपको अपनी ज़िंदगी के सबसे सुंदर सालों में वापस ले जाएगा, आपको आपके भीतर के बनारस से मिलाएगा। इस उम्मीद में कि बनारस हम सबके भीतर बना रहे, हम अलमस्त, औघड़ रहें और बे-इंतहा हँस सकें।
Format:
Paperback
Pages:
160 pages
Publication:
2017
Publisher:
Hind Yugm Westland
Edition:
First
Language:
hin
ISBN10:
9386224968
ISBN13:
9789386224965
kindle Asin:
B0748K2NY4

UP 65

Nikhil Sachan
4.03/5 (339 ratings)
लेखक, निखिल सचान के बारे में-

निखिल सचान नई वाली हिंदी के पोस्टर ब्वॉय हैं। IIT और IIM के छात्र होने के नाते इनकी शुरुआत हिंदी साहित्य के आउटसाइडर के रूप में हुई, लेकिन पहली किताब आते ही, ये आनन-फ़ानन ही, हिंदी साहित्य के नए रंग-रूट में सबसे चहेता चेहरा हो गए।

इनकी किताब ‘नमक स्वादानुसार’ और ‘ज़िंदगी आइसपाइस’ ने हज़ारों ऐसे लोगों को उँगली पकड़कर हिंदी की किताबों से जोड़ा जिन्होंने अपनी आख़िरी हिंदी किताब बोर्ड एग्ज़ाम पास करने के लिए उठाई थी, जिन्हें हिंदी बोरिंग और अनकूल लगती थी और जिन्हें पूरा भरोसा था कि हिंदी किताबें पढ़ पाना उनके बस की बात नहीं है।

वहीं निखिल ऐसे लोगों के बीच भी गहरी पैठ रखते हैं जो क्लासिक हिंदी लिटरेचर के शौक़ीन हैं, जो साहित्य की गहरी समझ रखते हैं और जिन्हें उसके मूलभूत स्वरूप से छेड़-छाड़ पसंद नहीं है। नतीज़तन, इनकी दोनों किताबें पिछले कुछ सालों की सबसे बड़ी हिंदी बेस्ट सेलर्स में से एक हैं और BBC, आज-तक जैसे मीडिया हाउसेज़ के अलावा क्रिटिक्स ने भी इन्हें 2013 और 2015 की सबसे बेहतरीन हिंदी किताबें क़रार दिया।

फ़िलहाल निखिल अपना पहला नॉवेल ‘यूपी 65’ लेकर हाजि़र हैं और मायानगरी मुंबई की शरण में हो लिए हैं।

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उपन्यास की पृष्ठभूमि में आइआइटी बीएचयू (IIT BHU) और बनारस है, वहाँ की मस्ती है, बीएचयू के विद्यार्थी, अध्यापक और उनका औघड़पन है। समकालीन परिवेश में बुनी कथा एक इंजीनियर के इश्क़, शिक्षा-व्यवस्था से उसके मोहभंग और अपनी राह ख़ुद बनाने का ताना-बाना बुनती है। यह हिंदी में बिलकुल नये तेवर का उपन्यास है, जो आपको अपनी ज़िंदगी के सबसे सुंदर सालों में वापस ले जाएगा, आपको आपके भीतर के बनारस से मिलाएगा। इस उम्मीद में कि बनारस हम सबके भीतर बना रहे, हम अलमस्त, औघड़ रहें और बे-इंतहा हँस सकें।
Format:
Paperback
Pages:
160 pages
Publication:
2017
Publisher:
Hind Yugm Westland
Edition:
First
Language:
hin
ISBN10:
9386224968
ISBN13:
9789386224965
kindle Asin:
B0748K2NY4