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कोहरे में कैद रंग

Govind Mishra
4.47/5 (3 ratings)
‘कोहरे में कैद रंग’ - जीवन के विविध रंग, रंग ही रंग हर व्यक्ति का अपना अलग रंग... जिसे लिये हुए वह संसार में आता है। अक्सर वह रंग दिखता नहीं, क्योंकि वह असमय ही कोहरे से घिर जाता है। कुछ होते हैं जो उस रंग को अपने जीवन-शैली में गुम्फित कर लेते हैं। काश उन रंगों पर कोहरे की चादर न होती तो जाने कैसा हुआ होता वह रंग ! तरह-तरह के रंगों से सजी जीवन की चादर हमारे सामने फैलाता है यह उपन्यास। विषम परिस्थितियों में भी गरिमा से जीते लोग, अपना-अपना जीवन-धर्म निबाहते हुए, और इस तरह अपनी तथा आज के पाठक की जीवन के प्रति आस्था को और दृढ़ करते हुए...

अपने पूर्व उपन्यास ‘फूल.... इमारतें और बन्दर’ में जहाँ गोविन्द मिश्र की दृष्टि समय विशेष के यथार्थ पर अधिक थी, ‘कोहरे में कैद रंग’ तक आकर वह यथार्थ-आदर्श, बाह्य-आन्तरिक जैसे कितने ही द्वन्द्वों से बचती हुई एक संतुलित जीवन-बोध देती है। जीवन, सिर्फ जीवन-जिसका रंग पानी जैसा है, काल-सीमाओं से पार एक-सा बहता हुआ... करीब-करीब।
Format:
Hardcover
Pages:
192 pages
Publication:
2004
Publisher:
Bharatiya Jnanpith (Gyanpith)
Edition:
Language:
hin
ISBN10:
8126310936
ISBN13:
kindle Asin:

कोहरे में कैद रंग

Govind Mishra
4.47/5 (3 ratings)
‘कोहरे में कैद रंग’ - जीवन के विविध रंग, रंग ही रंग हर व्यक्ति का अपना अलग रंग... जिसे लिये हुए वह संसार में आता है। अक्सर वह रंग दिखता नहीं, क्योंकि वह असमय ही कोहरे से घिर जाता है। कुछ होते हैं जो उस रंग को अपने जीवन-शैली में गुम्फित कर लेते हैं। काश उन रंगों पर कोहरे की चादर न होती तो जाने कैसा हुआ होता वह रंग ! तरह-तरह के रंगों से सजी जीवन की चादर हमारे सामने फैलाता है यह उपन्यास। विषम परिस्थितियों में भी गरिमा से जीते लोग, अपना-अपना जीवन-धर्म निबाहते हुए, और इस तरह अपनी तथा आज के पाठक की जीवन के प्रति आस्था को और दृढ़ करते हुए...

अपने पूर्व उपन्यास ‘फूल.... इमारतें और बन्दर’ में जहाँ गोविन्द मिश्र की दृष्टि समय विशेष के यथार्थ पर अधिक थी, ‘कोहरे में कैद रंग’ तक आकर वह यथार्थ-आदर्श, बाह्य-आन्तरिक जैसे कितने ही द्वन्द्वों से बचती हुई एक संतुलित जीवन-बोध देती है। जीवन, सिर्फ जीवन-जिसका रंग पानी जैसा है, काल-सीमाओं से पार एक-सा बहता हुआ... करीब-करीब।
Format:
Hardcover
Pages:
192 pages
Publication:
2004
Publisher:
Bharatiya Jnanpith (Gyanpith)
Edition:
Language:
hin
ISBN10:
8126310936
ISBN13:
kindle Asin: