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बहुरूपिया

सुरेन्द्र मोहन पाठक
4.12/5 (44 ratings)
श्यामली एक स्थानीय धनकुबेर की पत्नी थी जो कि सर्दियों की एक बरसाती रात में इस नामुराद खबर के साथ सुधीर कोहली के पास आई थी कि उसकी नौजवान बेटी घर नहीं लौटी थी और उसके ना लौटने में जिस शख्स का हाथ दिखाई देता था उसे मरे बाईस साल हो चुके थे । अब क्या उसका प्रेत था जो बहुरूपिया बना हर जगह हाजिरी लगाता फिरता था !
Format:
Pages:
pages
Publication:
Publisher:
Edition:
Language:
hin
ISBN10:
ISBN13:
kindle Asin:
B0DTT6JBD7

बहुरूपिया

सुरेन्द्र मोहन पाठक
4.12/5 (44 ratings)
श्यामली एक स्थानीय धनकुबेर की पत्नी थी जो कि सर्दियों की एक बरसाती रात में इस नामुराद खबर के साथ सुधीर कोहली के पास आई थी कि उसकी नौजवान बेटी घर नहीं लौटी थी और उसके ना लौटने में जिस शख्स का हाथ दिखाई देता था उसे मरे बाईस साल हो चुके थे । अब क्या उसका प्रेत था जो बहुरूपिया बना हर जगह हाजिरी लगाता फिरता था !
Format:
Pages:
pages
Publication:
Publisher:
Edition:
Language:
hin
ISBN10:
ISBN13:
kindle Asin:
B0DTT6JBD7