देश की सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु एक पनडुब्बी के अविष्कार में जुटे हुए प्रोफेसर भटनागर रिसर्च लैबोरेट्री से अचानक गायब हो गये । और जब लन्दन से उनके नाम खुद उन्हीं के हैण्ड राइटिंग में एक पोस्ट कार्ड आया तो प्रतिरक्षा मन्त्रालय के जैसे होश उड़ गये । देश के गुप्त रहस्यों के चक्कर में पड़े जासूसों के आपसी टकराव की एक हंगामाखेज कहानी ।
देश की सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु एक पनडुब्बी के अविष्कार में जुटे हुए प्रोफेसर भटनागर रिसर्च लैबोरेट्री से अचानक गायब हो गये । और जब लन्दन से उनके नाम खुद उन्हीं के हैण्ड राइटिंग में एक पोस्ट कार्ड आया तो प्रतिरक्षा मन्त्रालय के जैसे होश उड़ गये । देश के गुप्त रहस्यों के चक्कर में पड़े जासूसों के आपसी टकराव की एक हंगामाखेज कहानी ।