सत्तरह साल पहले दीवाली की रात को गोपाल यशवंतराय आवतरमानी ने अपना वह सफेद जूता पहन कर हवेली से बाहर कदम रखा तो फिर कभी वापिस लौट कर न आया । कोई कहता था कि क्योंकि उसने गबन किया था, इसलिए वह कहीं छुपा हुआ था तो कोई कहता था कि वह कब का मर-खप चुका था ।
सत्तरह साल पहले दीवाली की रात को गोपाल यशवंतराय आवतरमानी ने अपना वह सफेद जूता पहन कर हवेली से बाहर कदम रखा तो फिर कभी वापिस लौट कर न आया । कोई कहता था कि क्योंकि उसने गबन किया था, इसलिए वह कहीं छुपा हुआ था तो कोई कहता था कि वह कब का मर-खप चुका था ।