एक ऐसी गाथा जिसका शब्दों में वर्णन असंभव है! एक ऐसी गाथा जिसने सुरेंदर मोहन पाठक को हिंदी उपन्यासकारों का अविवादित सिरमोर बना दिया ! बखिया पुराण का दूसरा अध्याय
एक ऐसी गाथा जिसका शब्दों में वर्णन असंभव है! एक ऐसी गाथा जिसने सुरेंदर मोहन पाठक को हिंदी उपन्यासकारों का अविवादित सिरमोर बना दिया ! बखिया पुराण का दूसरा अध्याय